ज़िन्दगी ढूँढती है जीने के लिए
फिर से वही "पल"
कहते हैं सभी जी लो ज़िन्दगी
"आज" में,
ज़िन्दगी में होता नहीं है"कल"...
कुछ गुज़रे हुए "पल" ऐसे होते हैं
जो जीए जाते हैं हर "पल"
जिनकी महक "याद" बनकर
ता-उम्र महकाती है
हर "सांस" में
जीया हुआ हर "पल"
फिर क्या ज़िन्दगी में
"आज" और "कल"......
कहते हैं सभी जी लो ज़िन्दगी
ReplyDelete"आज" में,
ज़िन्दगी में होता नहीं है"कल"..
आपने बहुत ही अच्छा लिखा है.
बहुत सुन्दर रचना. बधाई.
ReplyDeletebahut sahi, jo hai aaj hi hai.....kal kisne dekha......
ReplyDeleteAap sabhi ki izzat afzayee ka bahut bahut shukriya
ReplyDeletetrue life is like such
ReplyDeleteblog se jayada main aapki khubsurti par fida hoon.
ReplyDeleteplz ise positive comment samajhana
" बाज़ार के बिस्तर पर स्खलित ज्ञान कभी क्रांति का जनक नहीं हो सकता "
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