Thursday, April 29, 2010

ज़िन्दगी ढूँढती है जीने के लिए ....



ज़िन्दगी ढूँढती है जीने के लिए
फिर से वही "पल"
कहते हैं सभी जी लो ज़िन्दगी
"आज" में,
ज़िन्दगी में होता नहीं है"कल"...

कुछ गुज़रे हुए "पल" ऐसे होते हैं
जो जीए जाते हैं हर "पल"
जिनकी महक "याद" बनकर
ता-उम्र महकाती है
हर "सांस" में
जीया हुआ हर "पल"
फिर क्या ज़िन्दगी में
"आज" और "कल"......