कमी नहीं है खुदा के पास रहमतों की
क्या करे खुदा
सजदे में कभी उसके
इन्सां की नज़र नहीं झुकती
गिले शिकवे तो बहुत होते है खुदा से
करने के लिए
शुक्रिया अदा करने के लिए
मोहलत नहीं मिलती
इस क़दर गुम है इंसा
अपनी ज़िन्दगी में
खुदा की इबादत के लिए
फुर्सत नहीं मिलती....
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